ये तो अच्छा हुआ कि 1947 में Whatsapp नहीं था..वरना आजादी के लिए कोई जंग में उतरता ही नहीं...लोग घर बैठे ही कहते कि इस मैसेज को इतना फैलाओ कि अंग्रेज खुद भारत छोड़कर भाग जाये|
अपने साये से भी अश्कों को छुपा कर रोना
जब भी रोना तो चिरागों को बुझा कर रोना
जहाँ चोट खाना वहां मुस्कुराना
मगर इस अदा से के रोये सारा ज़माना
विपरीत परस्थितियों में कुछ लोग टूट जाते हैं ,
तो कुछ लोग लोग रिकॉर्ड तोड़ते है
Pappu: Dekho.. Main Chahe Jaisa Bhi Hoon..
Par Baccha Ek Dum Sunder Hona Chahiye..
Wife: Dekho Ji.. Choice Is Yours.. Baccha Yaa
Toh Sunder Hoga Yaa Aap Ka Hoga
Chalo Baant Lete Hein Kuch
Is Tarah Se Duniya Saari
Chalo Sab Kuch Tum Rakh Lo,
Ek Bus Tum Hamaare..!!