सुबह का प्रणाम सिर्फ रिवाज़ ही नही बल्कि आपकी फिक्र का एहसास भी है...रिश्ते जिन्दा रहे और यादें भी बनी रहे...
अगर तुमसे कोई पूछे बताओ ज़िन्दगी क्या है,हथेली पर जरा सी राख़ रखना और उड़ा देना।
दो मुलाकात क्या हुई हमारी तुम्हारी,निगरानी में सारा शहर लग गया।
यदि आप डर पर विजय पाना चाहते हैं तो घर बैठे उसके बारे में सोचिये मत. बाहर निकालिए और अपने काम मे व्यस्त हो जाइये।
यकीन और दुआ नज़र नहीं आते मगर,
नामुमकिन को मुमकिन बना देते हैं।