खून में तेरे गर्मी ,
गर्मी में तेरा खून…
ऊपर सूरज निचे धरती
बीच में MAY और JUNE
रे इंसान !!!
नींद चुराने वाले पूछते हैं सोते क्यों नही,इतनी ही फिक्र है तो फिर हमारे होते क्यों नही।
नए साल की पावन बेला में एक नई सोच की ओर कदम बढ़ाएँ
हौसलों से अपने सपनों की ऊंचाइयों को छू कर दिखाएँ
जो आज तक सिमट कर रह गई थी ख्यालों में..,
उन सपनों को नव वर्ष 2018 में सच कर दिखाएँ.
दिल की धड़कन और मेरी सदा है तू,
मेरी पहली और आखिरी वफ़ा है तू,
चाहा है तुझे चाहत से भी बढ़ कर,
मेरी चाहत और चाहत की इंतिहा है तू।
हम तस्लीम करते हैं,
हमें फुर्सत नहीं मिलती,
मगर ये भी ज़रा सोचो,
तुम्हें जब याद करते हैं,
ज़माना भूल जाते हैं|