बहुत मासूम होते है
ये आँसू भी
ये गिरते उनके लिए है
जिन्हे परवाह नहीं होती..
हम आज भी शतरंज़ का खेलअकेले ही खेलते हे ,क्युकी दोस्तों के खिलाफ चालचलना हमे आता नही ..।
Jis ke naseeb mein hon zamaney ki thokarein…!!
Us bad-naseeb sey na sahar’on ki baat ker…
जिन फूलों को संवारा था
हमने अपनी मोहब्बत से,
हुए खुशबू के काबिल तो
बस गैरों के लिए महके।
Ek khubsurat khwab ho aap,
Dil ko chhu jane wala ehsaas ho aap,
Apko kya de gulab hum
Gulabo me khubsurat gulab ho aap.