चाणक्य जी का जन्म 371 ईसापूर्व में एक ब्राह्मण परिवार के यहां हुआ था।
आचार्य चाणक्य जी अपने समय के सबसे विद्वान और ज्ञानी इंसान थे
आज भी दुनिया की सभी नीति चाणक्य नीति पर ही आधारित है
आचार्य चाणक्य जी को दवा के साथ-साथ खगोल विज्ञान का भी बहुत ज्यादा ज्ञान था।
चाणक्य जी ने राज्य चलाने के लिए अर्थशास्त्र पर महारथ हासिल की हुई थी
आचार्य चाणक्य के बनाए गए वसूलों से ही मौर्य साम्रज्य उस समय का सबसे बड़ा साम्राज्य बना था
आचार्य चाणक्य जी किसी भी इंसान के चेहरे को देखकर बता सकते थे कि सामने वाला क्या सोच रहा है
चाणक्य जी सबसे पहले विचारक थे जिन्होंने कहा था कि राज्य का एक अपना संविधान होना चाहिए।
आचार्य चाणक्य ने जिस तक्षशिला विश्वविद्यालय में अपनी पढ़ाई की थी वह अब अफगानिस्तान में है
आचार्य चाणक्य जी अपने भोजन में जहर की कुछ मात्रा मिलाते थे ताकि वह चंद्रगुप्त के किसी भी शत्रु के जहरीले वार को झेल सके
हालांकि यह बात बाद में गलत साबित हुई थी लेकिन बिंदुसार की माता की हत्या का झूठा आरोप लगने पर इन्होंने अपने पद का त्याग कर दिया था
आचार्य चाणक्य जी के पिता का नाम चाणक जो एक शिक्षक थे यहीं से चाणक्य जी का नाम चाणक्य पड़ा था और इनका गोत्र कोटिल था जिससे इनका दूसरा नाम कौटिल्य पड़ा था
चाणक्य जी जब भी कोई प्लान बनाते थे तो वह बहुत दूर की सोच कर प्लान बनाते थे और साथ ही में हर प्लान के साथ एक दूसरा प्लान भी होता था
आचार्य चाणक्य की मौत का दो कारण बताया जा रहा हैं ,पहला कारण चाणक्य ने भोजन व पानी का त्यागकर अपनी इच्छा से शरीर को छोड़ा था और दूसरा कारण एक षड्यंत्र के शिकार हुए और इनकी मौत हो गई