मधुमक्खियों की उड़ने की तीव्रता 15 किलोमीटर प्रति घंटे की होती है.
एक मधुमक्खी औसतन 1 घंटे में 183 बार पंख फड़फड़ा सकती है.
पूरे विश्व में मधुमक्खियों की 20,000 से ज्यादा प्रजातियाँ पाई जाती है.
क्या आप जानते हैं विश्व में मुख्य रूप से मधुमक्खियों की 5 प्रजातियां ही ऐसी है जो शहद का निर्माण करती है. जिनमें से चार प्रजाति भारत में निवास करती हैं.
मधुमक्खी धरती पर अकेली ऐसी किट है जिसके द्वारा बनाया गया भोजन मनुष्य द्वारा खाया जाता है.
मधुमक्खियों से शहद के इलावा मोम भी प्राप्त होता है और इनका छता मोम से ही बना होता है.
आपको जानकर हैरानी होगी मधुमक्खियां 1 किलो शहद बनाने में लगभग 40 लाख फूलों का रस चुस्ती है.
एक स्वस्थ मक्खी का जीवनकाल लगभग 45 दिनों का होता है.
क्या आप जानते हैं मधुमक्खियों के दो पेट होते हैं जिनमें से एक का उपयोग यह खाना खाने के लिए व दूसरे का उपयोग फूलों का रस इकट्ठा करने में करती हैं.
आपको जानकर हैरानी होगी मधुमक्खियों में भी कुत्तों की तरह ही बम ढूँढने की शक्ति भी होती है. इनमें 170 तरह के सूंघने वाले रिसेप्टर्स होते हैं.
मधुमक्खियों के झुंड में एक लीडर मक्खी होती है जो इन मक्खियों की रानी होती है. छत्ते में रहने वाली हजारो मक्खियों को रानी मखि के आदेश का पालन करना पड़ता है.
क्या आप जानते है मधुमक्खियों का बनाया शहद हजारो सालो तक ख़राब नहीं होता.
मधुमक्खियों का छता HEXAGONAL आकार का होता है यानि की मधुमखियाँ 6 कोनो के आकार का घर बनाती है.
धरती पर मौजूद सभी जीव-जंतुओं में से मधुमक्खियों की भाषा सबसे कठिन है. 1973 में 'Karl von Frisch' को इनकी भाषा को समझने के लिए नोबेल पुरस्कार मिला था.