Facts on numbers, संख्या पर तथ्य

FACTS ON NUMBERS, संख्या पर तथ्य

FCT-2353

भारतीय दर्शन के अनुसार अंक-4 पुरुषार्थ का धोतक हैं, पुरुषार्थ को चार भागो में बाटा गया हैं – धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष।

FCT-2354

अंक-5 पंच महाभूत पर आधारित हैं ये पंच तत्त्व – आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी हैं सम्पूर्ण स्रष्टि की रचना का क्रम इन्ही पर आधारित हैं।

FCT-2357

अंक-8 का योग अष्टांग को प्रेरित करता हैं मनुष्य जीव की चित शुद्धि और पवित्रता के लिए योग दर्शन आठ प्रकार के साधन (यम, नियम, आसान, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि) प्रेषित करता हैं।

FCT-2358

अंक-9 को पूर्णांक माना गया हैं समस्त संख्याओं में अंक-9 विशिष्ट स्थान पर हैं धर्म, आश्रय से ईश्वर प्राप्ति नवधा भक्ति से ही सम्भव हैं। ये नव भक्तियाँ हैं – श्रवण, कीर्तन, स्मरण, पादसेवन, अर्चन वंदन, दास्य, संख्य व् आत्मवेदन।

FCT-2359

0 को वेग या परिणाम वरदी करने वाला अंक माना गया हैं परमार्थ विषय में शून्य को अज्ञान माना गया हैं। शून्यवाद के अनुसार जगत का आधार निराकार हैं। शून्य परमात्मा का प्रतीक भी हैं और इस तरह अनंत भी हैं।

FCT-2355

अंक 6 षड्दर्शन और वेदांक का परिचायक हैं। इनके अंतर्गत सांख्य, योग, मीमांसा, वेदांग, वैशेषिका तथा न्याय के महत्व को समझाया गया हैं।

FCT-2356

अंक-7 सप्त चक्र का प्रतीक हैं जीव में सूक्ष्म देह पर कुण्डलिनी शक्ति सप्त चक्रों (मूलाधार, मणिपुर, अनाहत, विशुधि, आज्ञा, सहस्त्रआर) का भेदन कर जीव को परम तत्त्व की प्राप्ति कराती हैं।

FCT-2320

There Is Only One Even Prime Number

FCT-2321

The Square Root of Two Is Called “Pythagoras’ Constant.”

FCT-2322

Zero Is the Only Number That Can’t Be Represented In Roman Numerals

FCT-2323

Different Cultures Discovered Zero at Different Times

FCT-2324

Roman Numerals Were Invented as a Means of Trading

FCT-2325

Zero Is An Even Number

FCT-2326

There Is Only One Number Spelled With the Same Number of Letters as Itself

FCT-2327

Take Any Number And Multiply It by Three For a Cool Trick

FCT-2328

Six Is the Smallest Perfect Number

FCT-2329

The Numerical System We Use Today Is Older Than It’s Been in Use

FCT-2330

The Number Pi Is Irrational

FCT-2331

2 And 5 Are the Only Prime Numbers That End With 2 And 5

FCT-2332

The Fibonacci Sequence Appears in Nature

FCT-2333

9 Is Considered a “Magic” Number

FCT-2334

There Are Weird Reasons That Cats Are Said to Have 9 Lives

FCT-2335

One Is Not a Prime Number

FCT-2336

If a Pizza Has Radius “Z” and Height “A” the Equation Becomes…

FCT-2337

Blackjack Didn’t Start as 21

FCT-2338

7 Is the Most Popular “Favorite Number”

FCT-2339

The Most Popular Two-Digit Number Is 13

FCT-2340

There Is Such Thing as Happy Numbers

FCT-2341

7 Is Arithmetically Unique

FCT-2342

India’s National Game Means “Twenty-Five”

FCT-2343

Six Weeks = 10! Seconds

FCT-2344

There’s Not Enough Room in the World to Write Out a Googolplex

FCT-2345

The Mile-High City Is Exactly One Mile High

FCT-2346

In Asia, 4 Is Considered Unlucky

FCT-2347

In Thailand, “555” Is Hilarious

FCT-2348

There Are 31 Days In Most Months

FCT-2349

In A Group Of 23 People, Two Will Probably Share a Birthday.

FCT-2350

भारतीय दर्शन में “एकोब्रह्म दिव्तीयोंनास्ति” के बारें में बताया गया हैं। उपनिषद, श्रुति के आधार पर परब्रह्म एकात्मक हैं अन्य दूसरा कोई नहीं हैं। इस आधार पर 1 अंक का महत्व स्पष्ट होता हैं।

FCT-2351

शास्त्रों के अंतर्गत अंक -2 को माया का परिचायक माना गया हैं। माया का अर्थ संसार को बताया गया हैं, व्याख्या हैं कि मनुष्य जीव मायारूपी संसार में स्थित होकर उसका उपभोग देह के माध्यम से करता हैं।

FCT-2352

अंक-3 को त्रिगुणात्मक अथार्त सत, रज तथा तम, इन तीन गुणों का प्रतीक माना गया हैं अध्यात्म क्षेत्र में त्रिगुणात्मक को अविद्या या प्रपंच ने नाम से भी जाना जाता हैं मनुष्य में सूक्ष्म भाव से ये तीनों ही गुण विद्यमान होते हैं।