The River Ganges, also known as the Ganga, flows 2,525 kilometers (1,569 mi) from the Himalaya mountains to the Bay of Bengal in northern India and Bangladesh.
The Ganges River begins in the Himalayas’ Gangotri Glacier. The glacier sits at an elevation of 3,892 meters (12,769 feet).
The River Ganges flows through the countries of India and Bangladesh.
For most of its course the Ganges flows through Indian territory, although its large delta in the Bengal area, which it shares with the Brahmaputra River, lies mostly in Bangladesh.
It is the third largest river in the world by discharge.
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It is 34th longest river in the world by length.
The average depth of the river is 16 meters (52 feet), and the maximum depth, 30 meters (100 feet).
The major rivers which flow into the Ganges are: Ramganga, Gomti, Ghaghara, Gandaki, Burhi Gandak, Koshi, Mahananda, Tamsa, Yamuna, Son, and Punpun.
The Ganges Basin with its fertile soil is instrumental to the agricultural economies of India and Bangladesh.
The Ganges and its tributaries provide a year round source of irrigation to a large area. Chief crops
cultivated in the area include rice, sugarcane, lentils, oil seeds, potatoes, and wheat.
NatureInteresting facts about River Ganges 3 Years Ago
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The Ganges basin extends over more than 1 million square kilometers (386,000 square miles).It has the highest population of any river basin in the world. It contains over 400 million people.
The Ganga Basin supports numerous diverse ecosystems, from the alpine forests near Gaumukh to the plains of northern India to the mangrove forests and saline mud flats of West Bengal.
The mouth of River Ganga forms the world’s largest delta, known as Sunderbans, and was declared a World Heritage Site by UNESCO in 1997. It covers more than 105,000 square kilometers (41,000 square miles)
The Ganges was ranked as the fifth most polluted river of the world in 2007.
Pollution threatens not only humans, but also more than 140 fish species, 90 amphibian species.
Ganga is also the home for fresh water dolphins and Ganges sharks, both of which are endangered species with Ganges shark being critically endangered.
Many varieties of birds are found, such as seagulls, mynah birds, parrots, crows, kites, partridges, and fowls. In winter, ducks and snipes migrate south across the high Himalayas, settling in large numbers in water-covered areas.
The Ganges River is extremely important to the people of India as most of the people living on its banks use it for daily needs such as bathing and fishing.
The river flows through 29 cities with population over 100,000, 23 cities with population between 50,000 and 100,000, and about 48 towns.
On the Ganges banks are India’s greatest pilgrimage sites like Rishikesh, Haridwar, Varanasi, Allahabad and Kolkata, which are visited by millions of people from every corner of the world to quench their thirst for knowledge and liberation.
In Hinduism the Ganges River is the most sacred river, and is worshipped as the Goddess Ganga.
Ritual bathing in the Ganges was and is an important part of Hindu pilgrimage and the ashes of the cremated are often spread across her waters.
Studies have shown that the Ganges River decomposes organic wastes at a rate 15 to 25 times faster compared to other rivers in entire world.
The Ganges River system is fed from a variety of sources including the Gangotri Glacier in the Himalayas, the July to September monsoon rains, and cyclones.
The Ganges River is becoming shallower in some area. Some attribute this water level change to climate change and global warming.
भारत सरकार के द्वारा गंगा नदी को भारत की राष्ट्रीय नदी घोषित किया है।
गंगा नदी की प्रधान शाखा भागीरथी है जो कुमायूँ में हिमालय के गौमुख नामक स्थान पर गंगोत्री हिमनद से निकलती हैं।
गंगा के इस उद्गम स्थल की ऊँचाई 3140 मीटर है। यहाँ गंगा जी को समर्पित एक मंदिर है।
गंगा इलाहाबाद के प्रयाग में यमुना नदी से संगम होता है। यह संगम स्थल हिन्दुओं का एक महत्त्वपूर्ण तीर्थ है। इसे तीर्थराज प्रयाग कहा जाता है।
ऐतिहासिक साक्ष्यों से यह ज्ञात होता है कि १६वीं तथा १७वीं शताब्दी तक गंगा-यमुना प्रदेश घने वनों से ढका हुआ था।
गंगा नदी और बंगाल की खाड़ी के मिलन स्थल पर बनने वाले मुहाने को सुन्दरवन के नाम से जाना जाता है।
सुन्दरवन जो विश्व की बहुत-सी प्रसिद्ध वनस्पतियों और प्रसिद्ध बंगाल बाघ का गृहक्षेत्र है।
गंगा के तटीय क्षेत्रों में दलदल तथा झीलों के कारण यहाँ लेग्यूम, मिर्च, सरसो, तिल, गन्ना और जूट की बहुतायत फसल होती है।
गंगा नदी प्रणाली भारत की सबसे बड़ी नदी प्रणाली है; इसमें लगभग 375 मछली प्रजातियाँ उपलब्ध हैं।
गंगा तट के तीन बड़े शहर हरिद्वार, इलाहाबाद एवम् वाराणसी जो तीर्थ स्थलों में विशेष स्थान रखते हैं। इस कारण यहाँ श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या निरन्तर बनी रहती है तथा धार्मिक पर्यटन में महत्त्वपूर्ण योगदान करती हैं।
गंगा नदी के जल में प्राणवायु की मात्रा को बनाये रखने की असाधारण क्षमता है, लेकिन इसका कारण अभी तक अज्ञात है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गंगा का स्वर्ग से धरती पर आगमन हुआ था।
पुराणों के अनुसार स्वर्ग में गंगा को मन्दाकिनी और पाताल में भागीरथी कहते हैं।
गंगा के अवतरण के लिए राजा सगर के वंशज भगीरथ के कठोर तप एवं पुरुषार्थ से गंगा धरती पर आई।
गंगा के किनारे ही रहकर महर्षि वाल्मीकि ने महाग्रंथ रामायण की रचना की थी।
पूरी दुनिया में केवल गंगा नदी ही एकमात्र नदी है, जिसे माता के नाम से पुकारा जाता है।
जियोलॉजिक सर्वे ऑफ इंडिया के सर्वेक्षण के अनुसार, गत पचास वर्षों में गंगा का गोमुख ग्लैशियर प्रतिवर्ष 10 से 30 मीटर की गति से सिकुड़ता जा रहा है।
गोमुख ग्लैशियर की यही स्थिति रही तो अब से 125 सालों बाद गंगा का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।
भूगर्भशास्त्रियों के अनुसार गंगा के उद्गम पर प्रवाह जिस गति से घट रहा है, उसे देखते हुए अगले कुछ हज़ार वर्षों में इसके रूकने की संभावना है।
गंगा नदी गोमुख से बंगाल की खाड़ी तक यह 2071 किमी का सफर तय करती है।
गंगा नदी धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्त्व के अतिरिक्त गंगा के किनारे अनेक सुरम्य स्थल हैं।
गंगाजल की एक विशेषता यह है कि गंगा का पानी कभी सड़ता नहीं है।
गंगाजल में कभी दुर्गन् नहीं आती, इसीलिए लोग गंगाजल को अपने घरों में हमेशा रखते हैं।
मन्दिरों में जो चरणामृत के रूप में दिया जाता है वहगंगाजल ही होता है।
पोराणिक मान्यता है कि गंगाजल को ग्रहण करने से जीवों की अंतर आत्मा शुद्ध होती है।
गंगाजल को भारतीय हिन्दू धर्म में ब्रह्मद्रव और अमृत मानते हैं।
भारतीय धर्म शास्त्रों की मान्यता के अनुसार शास्त्रों में यदि गंगाजल की व्याख्या जितनी लिखने में आती है, यदि उन सबको थोड़े से वर्णन के साथ लिखा जाए तो एक ´गंगा पुराण´ की रचना हो सकती है।
राजनीतिक अस्थिरता एवं एक के बाद एक राजवंश बदलने के बाद भी गंगा नदी किनारे बसे शहर व्यापार, शिल्प एवं संस्कृति के लिए विश्वविख्यात रहे हैं।
गंगाजल की विशिष्टता एवं इसके प्रति आस्था केवल भारत तक सीमित नही है। वर्जिल व दांते जैसे महान् पश्चिमी साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं में गंगा का उल्लेख किया है।
सिकंदर महान तो गंगा के सम्मोहन में बँध ही गया था।
अमेरिका को खोजने वाला कोलंबस गंगा की तलाश में भटकते हुए मार्ग खो बैठा था।
‘आइने अकबरी‘ में लिखा है कि बादशाहअकबर पीने के लिए गंगाजल ही प्रयोग में लाते थे। इस जल को वह अमृत कहते थे।
वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि गंगा के पानी में ऐसे जीवाणु हैं जो सड़ाने वाले कीटाणुओं को पनपने नहीं देते, इसलिए पानी लंबे समय तक ख़राब नहीं होता।
गंगाजल में बैट्रिया फोस नामक एक बैक्टीरिया पाया गया है जो पानी के अंदर रासायनिक क्रियाओं से उत्पन्न होने वाले अवांछनीय पदार्थों को खाता रहता है। इससे जल की शुद्धता बनी रहती है।
गंगा के पानी मेंगंधक की प्रचुर मात्रा मौजूद रहती है; इसलिए गंगाजल ख़राब नहीं होता।
कुछ भू-रासायनिक क्रियाएं भी गंगाजल में होती रहती हैं, जिससे इसमें कभी कीड़े पैदा नहीं होते।
डॉ. हैरेन ने गंगाजल से ‘बैक्टीरियासेपफेज‘ नामक एक घटक निकाला, जिसमें औषधीय गुण हैं।
इ्ंगलैंडके चिकित्सक सी. ई. नेल्सन ने गंगाजल पर अनुसंधान करते हुए लिखा है कि गंगाजल में सड़ने वाले जीवाणु ही नहीं होते।
1950 में रूसी वैज्ञानिकों ने हरिद्वार एवं काशी में स्नान के बाद ही कहा था कि उन्हें स्नान के बाद ही ज्ञात हो पाया कि भारतीय गंगा और गंगाजल को इतना पवित्र क्यों मानते हैं।
चमत्कृत हैमिल्टन समझ ही नहीं पाए कि गंगाजल की औषधीय गुणवत्ता को किस तरह प्रकट किया जाए।
आयुर्वेदाचार्य गणनाथ सेन, विदेशी यात्री इब्नबतूता वरनियर, अंग्रेज़ सेना के Captain मूर, विज्ञान वेत्ता डॉ. रिचर्डसन आदि सभी ने गंगा पर शोध करके यही निष्कर्ष दिया कि यह नदी अपूर्व है।
गंगा नदी में मछलियों और सर्पों की अनेक प्रजातियाँ तो पायी ही जाती हैं, मीठे पानी वाले दुर्लभ डॉलफिन भी पाये जाते हैं।
गंगा नदी कृषि, पर्यटन, साहसिक खेलों तथा उद्योगों के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देती है तथा अपने तट पर बसे शहरों की जलापूर्ति भी करती है।
गंगा नदी के ऊपर बने पुल, बांध और नदी परियोजनाएँ भारत की बिजली, पानी और कृषि से सम्बन्धित ज़रूरतों को पूरा करती हैं।
इलाहाबाद और हल्दिया के बीच 1600 किलोमीटर गंगा नदी जलमार्ग को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया है।
गंगाजल से हैजाऔर पेचिश जैसी बीमारियाँ होने का खतरा बहुत ही कम हो जाता है, जिससे महामारियाँ होने की सम्भावना बड़े स्तर पर टल जाती है।
वैज्ञानिक जाँच के अनुसार गंगा का बायोलॉजिकल ऑक्सीजन स्तर 3 डिग्री से बढ़कर 6 डिग्री हो चुका है।
गंगा में 2 करोड़ 90 लाख लीटर प्रदूषित कचरा प्रतिदिन गिरया जा रहा है।
विश्व बैंक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर-प्रदेश की 12 प्रतिशत बीमारियों की वजह प्रदूषित गंगा जल है।
गंगा में बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए घड़ियालों की मदद ली जा रही है।
2007 की एक संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट के अनुसार हिमालय पर स्थित गंगा की जलापूर्ति करने वाले हिमनद की 2030 तक समाप्त होने की सम्भावना है।