Na Papa ki maar se,Na Dosto ki fatkaar se,Na ladki ke inkar se,Na chaplo ki bauchhar se,Aashiq sudhrenge to sirf RAKHI ke tyohaar se...
कौन कहता है कि सिर्फ मोहब्बत में ही दर्द होता है,
कमबख्त....
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अपनी तो दरवाज़े में ऊँगली आ जाये
तो भी जान निकल जाती है....।
😭😭😄😄😄😄
लिपट जाओ एक बार फिर गले हमारे,
कोई दीवार न रहे बीच हमारे तुम्हारे,
लिपट जाती जरूर अगर ज़माने का दर न होता,
बसा लेती मैं तुमको अगर सीने में कोई घर होता..
अपनी रातें उनके लिए ख़राब करना छोड़ दो दोस्तों,जिनको ये भी परवाह नहीं की तुम सुबह उठोगे भी या नहीं।
उड़ जायेंगे तस्वीरों से रंगो की तरह हम,वक़्त की टहनी पर हैं परिंदो की तरह हम।