सारे दिन आदमी को घर में
बनियान में देख के पत्नियों ये
समझने लगती है कि
उनकी शादी किसी दिहाड़ी मजदूर से हुई है
और उसी हिसाब से काम बताती है
ना मुस्कुराने को जी चाहता हैं,
ना कुछ खाने-पीने को जी चाहता हैं,
अब ठंड बर्दास्त नही होती,
सब कुछ छोडकर रजाई में घुस जाने को जी चाहता हैं
खतरों के खिलाड़ी तो असल में वो लौंडे है
जो घर के बाहर घने कोहरे का फायदा उठाकर
रोज़ डे पर अपने दोस्त की GF से रोज़ ले लेते है
अस्पताल से डिस्चार्ज होते वक़्त अगर डॉ या नर्स से इश्क़ ना हुआ तो,
लल्ला उस अस्पताल को सरकारी कहते हैं...