जब छोटे थे तब बड़े होने की बड़ी चाहत थी ! पर अब पता चला कि : अधूरे एहसास और टूटे सपनों से, अधूरे होमवर्क और टूटे खिलौने अच्छे थे !
कोई मिला नहीं तुम जैसा आज तक,पर ये सितम अलग है की मिले तुम भी नही
प्यार तो सब करते हैं पर हम जैसे नहीं
धोखा लोग देते हैं हम नहीं
एक बार प्यार करके तो देखो
हम सच्चे आंशिक हैं बेवफा नहीं
Main uske haathon ka khilona hi sahi;
kuch der ke liye hi sahi, usne mujhe chaha to hai..
अब तो शाम-ओ-सहर मुझे रहता हैं बस खयाल तेराकुछ इस कदर दुआओ सा मिला हैं मुझे साथ तेरा,की अब कोई शिकवा और शिकायत नही उस खुदा सेबस एक तुम्हे पाकर खुशियो से भर गया ये दामन मेरा