हमें क्या पता था मौसम ऐसे रो पड़ेगा, हमने तो आसमान को बस अपनी दास्तां सुनाई थी|
जाड़े की रुत है नई तन पर नीली शाल
तेरे साथ अच्छी लगी सर्दी अब के साल...
Aap Jab Tak Rahenge Aankho Mein Najara Bankar,
Roj Aayenge Meri Duniya Mein Ujala Bankar.
वफा क्या होती है?
काश तुम जान जाती ...
ना हम, ना तुम अकेली होती ।
तकदीर के हाथों खुद को में जोड़ना नहीं चाहता,
मेरे दो हाथो का होसला में तोडना नहीं चाहता,
मौसम की तरह बदल जाती ये हाथो की लकीरें,
बंद मुट्ठी मेरी हरगिज़ मैं खोलना नहीं चाहता।