बहुत सुन्दर शब्द सेवा करनी है तो, घड़ी मत देखो |प्रसाद लेना है तो, स्वाद मत देखो |सत्संग सुनाना है तो, जगह मत देखो |बिनती करनी है तो, स्वार्थ मत देखो |समर्पण करना है तो, खर्चा मत देखो |रहमत देखनी है तो, जरूरत मत देखो !!
शायर तो हम
“दिल” से है….
कमबख्त “दिमाग” ने
व्यापारी बना दिया.
Deewana hun tera, mujhe inkaar nahi,
Kaise keh dun ki mujhe tumse pyar nahi,
Kuch shararat to teri nazro mein bhi thi,
Main akela hi to iska gunehgar nahi…!!
कोई ठुकरा दे तो हँसकर जी लेना,
क्यूँकि मोहब्बत की दुनिया में
ज़बरदस्ती नहीं होती!
माँ ने कहा था कभी किसीका दिल मत तोडना,,इसलिए हमने दिल को छोड के बाक़ी सब तोड़ा !!