आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफ़िर ने समुंदर नहीं देखा
Aye Khuda bayan karu teri Hamd-O-Sana,
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Sar ho mera sajde me or jism ho jaye fana.
@Arfan
आपने दिल का हाल बताना छोड़ दिया,हमने भी गहराई में जाना छोड़ दिया..!!अरे ये क्या ??होली से पहले ही आपने नहाना छोड़ दिया!!
मैं तेरे हिज़ार की बरसात में कब तक भीगू!!ऐसे मौसम में तो दीवारे भी गिर जाती है..