मोहब्बत का नतीजा दुनिया में हमने बुरा देखा,जिन्हें दावा था वफ़ा का,उन्हें भी हमने बेवफा देखा..
न जाने किस तरह का इश्क कर रहे हैं हम,
जिसके हो नहीं सकते उसी के हो रहे हैं हम।
तुमसे ही रूठ कर तुम्ही को याद करते हैं
हमे तो ठीक से नाराज़ होना भी नही आता
आंखों के हर कतरे का बोझ उठाता था, उठाता हूँ और उठाता रहूँगा ।मगर आंसुओं को ना कभी बेवफा कहूँगा ।इस जन्म का जो कर्ज है अगले जन्म में जरूर बगैर कर्ज मुस्कराउंगा ।
ऐसा नहीं था कि इस दिल में तेरी तस्वीर नहीं थी
लेकिन इन हाथों में तेरे नाम की लकीर ही नहीं थी