हिन्दी मेरी पहचान है|
आज भी मेरी फरमाइशें कम नही होती,
तंगी के आलम में भी, पापा की आँखें कभी नम नहीं होती.
अच्छाई और बुराई दोनों हमारे अंदर हैं
जिसका अधिक प्रयोग करोगे वो उभरती व निखरती जायगी
सुबह का फ्री ज्ञानअगर आप किसी लड़की का पीछा कर रहे होऔर वो रोड़ पर बैठ जाएतोउससे थोड़ा पीछे ही रहेक्या पता वो नागिन बन रही हो
संस्कारों से बड़ी कोई वसीयत नहीं होती
और ईमानदारी से बड़ी कोई विरासत नहीं होती