ये तो अच्छा हुआ कि 1947 में Whatsapp नहीं था..वरना आजादी के लिए कोई जंग में उतरता ही नहीं...लोग घर बैठे ही कहते कि इस मैसेज को इतना फैलाओ कि अंग्रेज खुद भारत छोड़कर भाग जाये|
“नही है हमारा हाल,
कुछ तुम्हारे हाल से अलग,
बस फ़र्क है इतना,
कि तुम याद करते हो,
और हम भूल नही पाते.”
Main uske haathon ka khilona hi sahi;
kuch der ke liye hi sahi, usne mujhe chaha to hai..
ग़म न कर ज़िन्दगी बहुत बड़ी है,
चाहत की महफ़िल तेरे लिए सजी है,
बस एक बार मुस्कुरा कर देख,
तक़दीर खुद तुझसे मिलने बाहर खुद खड़ी है…
सर्दियों का एक स्पेशल मैजिक ट्रिक
सुब्हे 7 बजे उठे और एक लम्बी अंगड़ाई ले
और फिर 5 मिनिट के लिए फिरसे सो जाए,
जब आप 5 मिनिट होने के बाद उठेंगे तो
9 बज गए होंगे