ये तो अच्छा हुआ कि 1947 में Whatsapp नहीं था..वरना आजादी के लिए कोई जंग में उतरता ही नहीं...लोग घर बैठे ही कहते कि इस मैसेज को इतना फैलाओ कि अंग्रेज खुद भारत छोड़कर भाग जाये|
कुछ सोचु तो तेरा ही ख्याल आता हैंकुछ बोलू तो तेरा नाम आता हैंकब तक मैं छुपाऊँ अपने दिल की बातउस की हर अदा पे हमे प्यार आता हैं
लोगों ने कुछ दिया
तो सुनाया भी बहुत है,
हे माँ दुर्गे !
एक तेरा ही दर है
जहाँ मुझे कभी ताना नहीं मिला
Arj kiya hai
जिस ने ज़ल्द बाज़ी में शादी की
उसने अपना जीवन बिगाड़ लिया।।
वाह! वाह!
और जिसने सोच समझ कर की
उसने कौन सा तीर मार लिया।।
😝😝😝😝🤣🤣
अगर आपकी राह में छोटे छोटे पत्थर आये तो समझ लेना।।।
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।।।रोड का काम चल रहा हे।।।
��भंवरलाल ठेकेदार��
😄😄😄😄😄😄😄😄😄