जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी |दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तु ते ||शुभ नवरात्रि
125 साल के एक दादाजी
मृत्यु के बाद स्वर्ग पहुंचे।
स्वर्ग में खूबसूरत अप्सराओं का नृत्य देख कर दादाजी
फूट-फूट कर रोते हुए बोले,
" साला बाबा रामदेव के चक्कर
में नहीं पड़ता तो कब का यहाँ
पहुँच गया होता।"
या देवी सर्वभूतेषु
शक्तिरूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नम:.
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए,
जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए|
खुद की पर्वा किए बिना दिन रात अन्न उपजाता है, सलाम है इस धरती माँ के पुत्र को जिसके कारण हमारा जीवन मुस्काता है।
छत टपकती हैं, .. उसके कच्चे घर की……
फिर भी वो किसान करता हैं दुआ बारिश की..