125 साल के एक दादाजी
मृत्यु के बाद स्वर्ग पहुंचे।
स्वर्ग में खूबसूरत अप्सराओं का नृत्य देख कर दादाजी
फूट-फूट कर रोते हुए बोले,
" साला बाबा रामदेव के चक्कर
में नहीं पड़ता तो कब का यहाँ
पहुँच गया होता।"
सारा जहां है जिसकी शरण में,
नमन है उस माँ के चरण में,
हम है उस माँ के चरणों की धूल,
आओ मिलकर माँ को चढ़ाएं
श्रद्धा के फूल।
शुभ नवरात्रि.
मैंने तेरा नाम लेकर
ही सारे काम किये है
माँ,
और लोग समझते है
कि, बंदा बहुत किस्मत वाला है ।
देवी माँ के कदम आपके घर
में आयें, आप ख़ुशी से नहायें,
परेशानियाँ आपसे आँखें चुरायें,
नवरात्री की आपको ढेरों
शुभ कामनाएं।
शुभ नवरात्री।