सुकून की तलाश में हम दिल बेचने निकले थे खरीददार दर्द भी दे गया और दिल भी ले गया|
चाहता कौन है बेवफ़ायी करना
उसने परिवार सम्भाला होगा
यही सोच कर समझाता हूँ ख़ुदको
मजबूर होकर मुझे दिल से निकाला होगा
मजबूती से बाहों में,
इस कदर थाम लूं तुझे…
की मेरे इश्क़ की कैद सेतू चाहकर भी ना छुड़ सकें…❤️
वो एक रात जला……. तो उसे चिराग कह दिया !!!
हम बरसो से जल रहे है ! कोई तो खिताब दो .!!!
उसके नर्म हाथों से फिसल जाती है चीज़ें अक्सर ….,
मेरा दिल भी लगा है उनके हाथो , खुदा खैर करे …