संता रोटी का एक निवाला खुद खा रहा था और एक पास बैठी मुर्गी को खिला रहा था…बंता :- “ ये क्या कर रहा है ? ”संता :- “ चिकन के साथ रोटी खा रहा हूँ ”
हम तो मुफ्त की सलाह दे कर बर्बाद हो गए;
अब तो आलम ऐसा है की मांगने पर भी खेरात नहीं देते…..
हमें तुमसे मोहब्बत न होती,,
सिर्फ दो ही हालत में…
या “तुम” बने न होते,
या ये दिल बना न होता…
उसने कहा चले
जाओ मेरी ज़िन्दगी से,
मेने कहा
कौन हो तुम भाईसाहब!!
😝😝😝😝
इस तरह मिली वो मुझे सालों के बाद,
जैसे हक़ीक़त मिली हो ख़यालों के बाद,
मैं पूछता रहा उस से ख़तायें अपनी,
वो बहुत रोई मेरे सवालों के बाद!!