किसी को न पाने से जिंदगी खत्म नहीं होती लेकिन किसी को पाकर खो देने से कुछ बाकी भी नहीं रहता|
बिखरे थे जो अल्फ़ाज इस कायनात मेंसमेंटा है उन्हें चंद पन्नों की किताब मेंअब दुआ नहीं मांगता बस पूंछता हुं खुदा सेअभी कितनी सांसे और हैं हिसाब में..??
क्यूँ किसी की यादों को सोच कर रोया जाए,
क्यूँ किसी के ख्यालों में यूँ खोया जाए,
बाहर मौसम बहुत ख़राब हैं,
क्यूँ न रजाई तानकर सोया जाए...
वक़्त नूर को बेनूर बना देता है, छोटे से जख्म को नासूर बना देता है,
कौन चाहता है अपनों से दूर रहना पर वक़्त सबको मजबूर बना देता है.
जिनका कद ऊँचा होता है
वो दूसरों से झुक कर ही बात करते हैं