कहाँ मिलता है कोई समझने वाला जो भी मिलता है समझा के चला जाता है|
ज़िन्दगी दो दिन की है,
एक दिन आपके हक़ में, एक दिन आपके खिलाफ,
जिस दिन हक में हो गुरुर मत करना,
और जिस दिन खिलाफ हो, थोडा सा सब्र ज़रूर करना।
Mera Shahar To Baarishon Ka Ghar ThehraYahan Ki Aankh Ho Ya Dil, Bahot Barasti Hain
ना छेड किस्सा-ए-उल्फत, बडी लम्बी कहानी है,
मैं ज़माने से नहीं हारा, किसी की बात मानी है,,,,,,।।
Jis ke naseeb mein hon zamaney ki thokarein…!!
Us bad-naseeb sey na sahar’on ki baat ker…