बस इतनी सी ही कहानी थी मेरी मोहब्बत की मौसम की तरह तुम बदल गए, फसल की तरह मैं बरबाद हो गया|
मेरे अश्को से तू अपना दामन साफ कर ,
अकेले तड़पता हूँ ऐ खुदा इन्साफ कर ,
उनकी बेवफाई में कुछ राज छुपा है ,
मेरे खुदा तू उनके हर गुनाह माफ़ कर .
तुमको देखूं तो मुझे प्यार बहोत आता है
ज़िंदगी इतनी हसीन पहले तो नही लगती थी
न मेरा एक होगा , न तेरा लाख होगा,
तारिफ तेरी ,न मेरा मजाक होगा,
गुरुर न कर शाह-ए-शरीर का,
मेरा भी खाक होगा , तेरा भी खाक होगा
GST के विरोध मे हड़ताल कर रहे व्यापारियो को पता होना चाहिए की ,फूफा के रूठने से ब्याह नही रूका करते..