आओ फिर से दोहराए अपनी कहानी, मैं तुम्हें बेपनाह चाहूँगा और तुम मुझे बेवजह छोड़ जाना..
उस मासूम शराब की मोहब्बत भी क्या खूब थी ।।
जालिम एक बार लबो पे लगी तो फिर कभी उसने बेवफाई ना की।।
आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की……!!
लम्हें तो अपने आप ही मिल जाते हैं….!!
जिंदगी का हर लम्हा कुछ सिखाता है
इस साल ने भी बहुत कुछ सिखाया है
नया सीखते रहिये कभी तो काम आएगा
आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें
शायर तो हम
“दिल” से है….
कमबख्त “दिमाग” ने
व्यापारी बना दिया.