सीढ़िया उन्हें मुबारक हो जिन्हें छत तक जाना है|मेरी मंजिल तो आसमान है, रास्ता मुझे खुद बनाना है|
नारी का मतलब शक्ति है तो पुरुष का क्या मतलब है... सहन शक्ति
किस लोभ से “किसान” आज भी, लेते नही विश्राम हैं,
घनघोर वर्षा में भी करते निरंतर काम हैं
शिक्षा के प्रति प्रत्येक किसान को जागरूक होना चाहिए तभी उनका जीवन बेहतर हो सकता हैं.
साला इतनी गर्मी पड़ रही हैं कि...अब तो कीचड़ मे पड़े कुत्तों को भी देखकर जलन होने लगती हैं
नमो नमो दुर्गे
सुख करनी.
नमो नमो अम्बे दुःख हरनी.!
Is navratri par Ma
Durga aapko shanti,
sampatti aur shakti de.
Navratri ki shubhkamanaye.