बहोत अंदर तक जला देती है,वो शिकायतें जो बयाँ नही होती..
“इल्म तो मिलता रहेगा बाद में भी मगर वो जो किताबों में मिला करते थे सूखे फूल और महके हुए रुक़्के किताबें मांगने, गिरने, उठाने के बहाने रिश्ते बनते थे उनका क्या होगा?”
Karni Hai Khuda Se Duaa Ki Teri Mohabbat Ke Siva Kuch Na Mile,
Zindagi Me Tu Mile Sirf Tu, Ya Phir Zindagi Na Mile..!
कुछ तो धड़कता है ,रूक रूक कर मेरे सीने में ..
अब खुदा ही जाने, तेरी याद है या मेरा दिल......
कौन कहता है मुझे ठेस का एहसास नहीं,
जिंदगी एक उदासी है जो तुम पास नहीं,
मांग कर मैं न पियूं तो यह मेरी खुद्दारी है,
इसका मतलब यह तो नहीं है कि मुझे प्यास नहीं.