ये शादियों का मौसम भी बड़ा बेदर्द है...इधर किसी की मोहब्बत किसी और की होने जा रही थी और उधर कमीने लोग कह रहे थे... शाही पनीर सही नहीं बना|
Acha hua maloom ho gaya,
Apno ki mohabbat ab mohabbat nahi rahi,
Warna hum toh apna ghar bhi chhod rahe they,
Unke dil main rehne ke liye
ख्यालो में वही, सपनो में वहीलेकिन उनकी यादो में हम थे ही नहींहम जागते रहे दुनिया सोती रही,एक बारिश ही थी, जो हमारे साथ रोती रही..
Karni Hai Khuda Se Ek Guzarish
Teri Dosti Ke Siva Koi Bandgi Na Mile.
Har Zanam Mein Mile Dost Tere Jaisa
Ya Phir Kabhi Zindgi Na Mile.
पाप एक प्रकार का अँधेरा है,
जो ज्ञान का प्रकाश होते ही मिट जाता है