माँ जो भी बनाये उसे बिना नखरे किये खा लिया करो क्योकि दुनिया में ऐसे लोग भी है जिनके पास या तो खाना नहीं होता या माँ नहीं होती...
प्रयास करने वाला इंसान एक बार गिरता है
लेकिन प्रयास ना करने वाले लोग जीवन भर गिरते रहते हैं
इंसान हर घर में जन्म लेता है
लेकिन इंसानियत कहीं कहीं ही जन्म लेती है
“ज़िंदगी” की “तपिश” को
“सहन” कीजिए “जनाब”,
अक्सर वे “पौधे” “मुरझा” जाते हैं,
जिनकी “परवरिश” “छाया” में होती हैं…
चलो फ़िर से हौले से मुस्कुराते हैं,बिना माचिस के ही लोगों को जलाते हैं।