अजीब खेल है ये मोहब्बत का,किसी को हम न मिले|और कोई हमे न मिला|
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की तरह..!
“जीत की ख़ातिर बस जूनून चाहिए,
जिसमे उबाल हो ऐसां खून चाहिए,
ये आसमा भी आएगा जमी पर ,
बस इरादों में जीत की गूँज चाहिए……..!!!.
बुरे वक़्त में भी एक अच्छाई होती है…
जैसे ही ये आता है.फ़ालतू के दोस्त विदा हो जाते हैं…!!!
Yaado k jungle me tab tak firta hu
Jab tak pair lahu luhan nahi ho jate..