अगर "कुबूल कुबूल कुबूल" बोलने से शादी हो जाती है और "तलाक़ तलाक़ तलाक़" बोलने से तलाक़ हो जाती है तो "मरजा मरजा मरजा" भी काम करना चाहिए...
इस दिल को किसी की आहट की आस रहतीहै, निगाह को किसी सूरत की प्यास रहती है,तेरे बिना जिन्दगी में कोई कमी तो नही, फिरभी तेरे बिना जिन्दगी उदास रहती है॥
Me Tumhe Kismat Ki Lakeeron Se Chura Leta…..
Faqat Ek Bar Tumne Mera Hone Ka Dawa To Kiya Hota…
पत्नी चारपाई पर सो रही थी
अचानक नीचे गिर पड़ी
पति – अरी क्या हुआ क्यों लुढ़क गयी
पत्नी – अरे देखा नहीं भूकंप से
चारपाई हिल गयी थी
पति – क्यों झूठ बोल रही है,,
तू गिरी है इसी वजह से तो भूकंप आया है
इकरार में शब्दों की एहमियत नही होती,दिल के जज़बात की आवाज़ नही होती,आँखें बयान कर देती हैं दिल की दास्तान,मोहब्बत लफज़ो की मोहताज़ नही होती!