आओ झुक के सलाम करें उनको,जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है,खुशनसीब होता है वो खून,जो देश के काम आता है.
मुझको ढूंढ लेती है रोज़ एक नए बहाने से
तेरी याद वाक़िफ़ हो गयी है मेरे हर ठिकाने से
दर्द मिन्नत-कशे- ✒ दवा न हुआ, मै न अच्छा हुआ बुरा न हुआ, जमा करते हो क्यों रकीबो को, एक तमाशा हुआ गिला न हुआ.
दर्द मिन्नत-कशे- ✒ दवा न हुआ,
मै न अच्छा हुआ बुरा न हुआ,
जमा करते हो क्यों रकीबो को,
एक तमाशा हुआ गिला न हुआ.
लाखों तूफान उठे है इस दिल में
तुजे देखने के बाद
काश
जुल्फों की काली घटाओं से ढक पाऊ
ये चाँद सा चेहरा तेरा
इत्तेफाक से तो नहीं,
हम दोनों टकराये
कुछ तो साजिश
खुदा की भी होगी