Jamane bhar mein milte hain aashiq kayi,
Magar vatan se khubsurat koi sanam nahi hota,
Noto mein lipat kar, sone mein simat kar mare hain kayi,
Mager tirange se khubsurat koi khafan nahi hota.
पैसे से बिस्तर खरीदा जा सकता है, नींद नहीं
पैसे से महल खरीदा जा सकता है लेकिन खुशियाँ नहीं
हम तो मुफ्त की सलाह दे कर बर्बाद हो गए;
अब तो आलम ऐसा है की मांगने पर भी खेरात नहीं देते…..
तुझको नमन ऐ मेरे वतन, महिमा तेरी मैं क्या कहूं?
तेरे गुणों का गुणगान, मैं हरदम यूं ही करती रहूं।
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं
अगर आप नेक इंसान हो और लोग आपको बुरा कहे तो चलेगा,
क्यूँकि यह इससे कही अच्छा है कि तुम बुरे हो और लोग तुम्हें अच्छा कहे.