Daag Gulami Ka Dhoya Hai Jaan Luta Kar,
Deep Jalaye Hai Kitne Deep Bhujha Kar,
Mili Hai Jab Yeh Azadi To Fir Is Azadi Ko.
Rakhna Hoga Har Dushman Se Aaj Bachakar.
तेरा प्यार मेरी जिंदगी में
बहार ले कर आया है,
तेरे आने से पहले हर दिन
पतझड़ हुआ करता था।
लोग पूछते हैं की तुम क्यूँ अपनी मोहब्बत का इज़हार नहीं करते,
हमने कहा जो लब्जों में बयां हो जाये
सिर्फ उतना हम किसी से प्यार नहीं करते…!!!
“ज़िंदगी” की “तपिश” को
“सहन” कीजिए “जनाब”,
अक्सर वे “पौधे” “मुरझा” जाते हैं,
जिनकी “परवरिश” “छाया” में होती हैं…
आज किसी की दुआ की कमी है,तभी तो हमारी आँखों में नमी है,कोई तो है जो भूल गया हमें,पर हमारे दिल में उसकी जगह वही है..