अब तो शाम-ओ-सहर मुझे रहता हैं बस खयाल तेराकुछ इस कदर दुआओ सा मिला हैं मुझे साथ तेरा,की अब कोई शिकवा और शिकायत नही उस खुदा सेबस एक तुम्हे पाकर खुशियो से भर गया ये दामन मेरा
एक रोस उनके लिएजो मिलते नही रोज़-रोज़,मगर याद आते है हर रोज़ |
बुराई को देखना और सुनना ही
बुराई की शुरुआत है
एडमिन का आधी रात को फ़ोन बजा|फ़ोन एक लड़की का था|एडमिन: hello कौन?लड़की: में तेनु समझावा की, न तेरे बिना लगदा जीएडमिन(खुश होकर): तो मुझसे शादी करोगी?लड़की: इस गाने को अपनी कॉलर ट्यून बनाने के लिए 8 दबाए|
उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा ???
दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है !!!