वक्त बलवान होता है भैयाकल जिनके हवाई जहाज चला करते थेआज उनके पास पासपोर्ट भी नहीं है!!
क्या करें कहां जाएं,
यह तो जिंदगी भर का
रोना
है
घर में बैठी है शेरनी, बाहर कोरोना है
तुम मुझे कभी दिल, कभी आँखों से पुकारो ग़ालिब,
ये होठो का तकलुफ्फ़ तो ज़माने के लिए है|
दिल दिया था जिसको दीवानी समझ कर,खा गयी वो ब्रियानी समझ कर,एक कतरा भी ना छोड़ा खून का,पी गयी उसको भी निम्बू पानी समझ कर ||
आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की……!!
लम्हें तो अपने आप ही मिल जाते हैं….!!