वो दिन दूर नही जब हम रोडवेज की बसों में
चिपके पोस्टर देखेंगे-
15 दिन में facebook, whatsapp छुडाये|
आदतन फसबूकी को हमारे पास लाये|
बंटी बाबा
हर शुक्रवार और शनिवार
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की तरह..!
आँखे तो प्यार में दिल की जुबान होती है,
चाहत तो सदा बेजुबान होती है,
प्यार में दर्द भी मिले तो क्या घबराना,
सुना है दर्द से चाहत और जवान होती है.
इश्क़ वही है जो हो एकतरफा हो
इज़हार-ऐ-इश्क़ तो ख्वाहिश बन जाती है
है अगर मोहब्बत तो आँखों में पढ़ लो ज़ुबान से इज़हार तो नुमाइश बन जाती है
“तारीख हज़ार साल में बस इतनी सी बदली है,…
तब दौर पत्थर का था अब लोग पत्थर के हैं”….