जिस ने ज़ल्द बाज़ी में शादी कीउसने अपना जीवन बिगाड़ लिया।।वाह! वाह!वाह! वाह!और जिसने सोच समझ कर कीउसने कौन सा तीर मार लिया।।
दो मुलाकात क्या हुई हमारी तुम्हारी,निगरानी में सारा शहर लग गया।
तुमसे ही रूठ कर तुम्ही को याद करते हैं
हमे तो ठीक से नाराज़ होना भी नही आता
साला इतनी गर्मी पड़ रही हैं कि...अब तो कीचड़ मे पड़े कुत्तों को भी देखकर जलन होने लगती हैं
कभी शोख हैं,
कभी गुम सी है..
ये बारिशे भी तुम सी है..