मिर्ज़ा ग़ालिब:हमें तो अपनों ने लूटागैरो में कहाँ दम थाअपनी कश्ती वहां डूबीजहां पानी कम थाग़ालिब की पत्नी:तुम तो थे ही गधेतुम्हारे भेजे में कहाँ दम थावहां कश्ती लेकर गए ही क्योंजहाँ पानी कम था!!
बहुत अच्छा चल रहा था यह रिश्ता हमारा,बिछड़े इस रफ़्तार से मानो, मैं आसमान और वो टूट ता तारा.
बहुत अच्छा चल रहा था यह रिश्ता हमारा,
बिछड़े इस रफ़्तार से मानो, मैं आसमान और वो टूट ता तारा.
दुनिया में सब चीज मिल जाती है,….
केवल अपनी गलती नहीं मिलती…..
Izhar-e-Tamanna Hi Tauheen-e-Tamanna Hai,
Tum Khud Hi Samajh Jaao Main Naam Nahi Lunga.
Saja Kr Apni Hi Aankh Hazaar Chehron Pe,
Kia Hai Main Ne Sadaa Aitbaar Chehron Pe
Main Teri Bazm Mein Kis Kis Sy Dushmani
Lita Likha Tha Naam Tera Be
shumaar Chehron Pe..!!!