सुनो आशिकों! दिल के मरीज के लिए चिकनाई मना है और तुम फिर से 'उनकी' चिकनी चुपड़ी बातों में आ रहे हो।
कदम डग मगा गये युही रास्ते से
वरना सम्भलना हम भी जानते थे,
ठोकर लगी तोभी उस पत्थर से
जिसे हम अपना खुदा मानते थे।।
बड़ी सख्त इम्तिहान की घड़ी होती हैं,
सुबह-सुबह ठंड में नहाना बात बड़ी होती हैं…
Happy Winter Season
मुफ्त मे अहसान न लेना यारों ,,,
दिल अभी ओर भी सस्ते होंगे बाज़ार में …….!!!
Bade hi chupke se bheja tha,Mere mehbub ne muje ek gulab,Kambhakht uski khusbu ne ,Sare shehar me hungama kar diya