Diye Hain Zindagi Ne Zaḳhm Aise;Ki Jin Ka Waqt Bhi Marham Nahin Hai!
अरे बेपनाह मोहब्बत की थी हमने तुझसे ओ बेवफा !
तुझे दुःख दूं ये न होगा कभी खुद मर जाऊं यहीं ठीक है !!
Dekhi hotho ki hasi zakham na dekhe dil ka,
aap bhi oron ki tarha kha gae dhokha keishe!
उन को चाहना मेरी मोहब्बत है उन्हें कह न पाना मेरी मजबूरी है वो खुद क्यों नही समझता मेरे दिल की बात को क्या प्यार का इज़हार करना ज़रूरी है
परिश्रम वह चाबी है
जो सौभाग्य के द्वार खोलती है