ना पूछ मेरे सब्र की इंतहा कहाँ तक हैतू सितम कर ले तेरी हसरत जहां तक है, वफ़ा की उम्मीद जिन्हें होगी उन्हें होगी,हमे तो देखना है तू बेवफा कहा तक है....
पहली : मैंने फैसला कर लिया है कि
जब तक मैं 25 साल की नहीं हो जाऊँगी
तब तक मैं शादी नहीं करुँगी
दूसरी : और मैंने भी फैसला कर लिया है कि
जब तक मैं शादी नहीं कर लूँगी
तब तक मैं 25 साल की होऊँगी ही नहीं
दिल अब बस तुझे ही चाहता है,तेरी यादों में ये खो जाता है,लग गयी है इस में इश्क की आग ऐसी.के तेरे होंठो को चुमने को दिल चाहता है.
हवा के साथ उड़ गया घर इस परिंदे का,
कैसे बना था घोसला वो तूफान क्या जाने !
ये मुहब्बत कब, किससे हो जाये इसका अंदाजा नहीं होता
ये वो घर है जिसका कोई दरवाजा नहीं होता