एक पति द्वारा की गई अब तक की सबसे रोमांटिक तारीफ ...... तेरी जुल्फों ने हर तरफ हंगामा मचा रखा है, कभी दाल में, कभी सब्जी मे, कभी रोटी में कब्ज़ा जमा रखा है।
Palkon Ki Hadd Ko Tod Kar Daaman Pe Aa Giraa,
Ek Ashq Mere Sabar Ki Toheen Kar Gayaa.
टी टी: - ये विकलांग लोगों का डिब्बा है इसमें क्यों सफर कर रहे हो...???पप्पू: जी सर मेरे साथ ये है...!!टी टी: - ये तो आम है।पप्पू: - हाँ लेकिन ये लँगड़ा आम है...
Wo awaaz jo waqt ke dhalne se, Dhaltee nahin,
Wo chain-o-sukun, Jo kisi ibadat mein milti nahin,
Suron mein jashn aisi,Jo jalwon mein dikhti nahin,
Na sune inke naghme, Subah-shaam dhalti nahin,
Rooh ki pyaas itnee, Jo is dard-e-dil se mitti nahin..
पतलू (फोन पर) - ओए मोटू तेरा रेस्टोरेन्ट कैसा चल रहा है ?
मोटू: कोई खास नहीं।
पतलू : वैसे मैं दो-तीन बार तेरे रेस्टोरेन्ट आया, पर वहां पे ताला लगा हुआ था। इसलिए फिर में घर चला गया।
मोटू : यार तू लंच या डीनर के टाईम आया होगा, उस टाईम हम लोग खाना खाने घर जाते है।