मैंने कहा था मुझे अपने दिल में रहने दो...क्योकि बेघर बच्चा आवारा हो जाता है..
मिर्ज़ा ग़ालिब:हमें तो अपनों ने लूटागैरो में कहाँ दम थाअपनी कश्ती वहां डूबीजहां पानी कम थाग़ालिब की पत्नी:तुम तो थे ही गधेतुम्हारे भेजे में कहाँ दम थावहां कश्ती लेकर गए ही क्योंजहाँ पानी कम था!!
फेर लेते हैं नज़र, दिल से भुला देते हैं,
क्या यूँ ही लोग वाफ़ाओं का सिला देते हैं,
वादा किया था फिर भी ना आए मज़ार पर,
हमने तो जान दी थी इसी ऐतबार पर!!
Aa Bichadne Ka Koi Aur Tareeqa DhoodhenPyyar Badhta Hai Meri Jaaan Khafa Rahne Se
काश तकदीर भी होती किसी जुल्फ की तरह…
जब जब बिखरती संवार लेते…