मैंने कहा था मुझे अपने दिल में रहने दो...क्योकि बेघर बच्चा आवारा हो जाता है..
तुम्हारी प्यारी सी नज़र अगर इधर नहीं होती,नशे में चूर फ़िज़ा इस कदर नहीं होती,तुम्हारे आने तलक हम को होश रहता है,फिर उसके बाद हमें कुछ ख़बर नहीं होती.
क़सूर उनका नहीं,जो मुझसे दूरियाँ बना लेते है….
रिवाज है ज़माने में,पढ़ी किताबें ना पढ़ने का.....
ज़िन्दगी का अनुभव थोड़ा कच्चा है,जितना समय गुज़र गया.. अच्छा है,अपना घरौंदा ख़ुशी से चहके सदा,हम बड़े हो गए पर दिल तो बच्चा है।
जिस्म से होने वाली मोहब्बत का इज़हार आसान होता है
रूह से हुई मोहब्बत समझने में ज़िन्दगी गुजर जाती है