शाम सूरज को ढलना सिखाती है;शमा परवाने को जलना सिखाती है;गिरने वालो को तकलीफ़ तो होती है;पर ठोकर ही इंसान को चलना सिखाती है।
कोई वादा ना कर, कोई ईरादा ना कर!
ख्वाईशो मे खुद को आधा ना कर!
ये देगी उतना ही, जितना लिख दिया खुदा ने!
इस तकदीर से उम्मीद ज़्यादा ना कर!
हाथ में घडी कोई भी हो, लेकिन वक़्त अपना होना चाहिए
अँधेरा चाहे कितना भी घना हो लेकिन
एक छोटा सा दीपक अँधेरे को चीरकर प्रकाश फैला देता है
वैसे ही जीवन में चाहे कितना भी अँधेरा हो जाये
विवेक रूपी प्रकाश अन्धकार को मिटा देता है
बारिश के मौसम में गाड़ियों से थोड़ा दूरी बनाकर चलें,पता नहीं कब गाड़ी तीव्र गति से आये और आपके कपड़ों पर मार्डन आर्ट बनाकर चली जाये!