अब तो रविवार में भी कुछ यूँ मिलावट हो गयी है.कि छुट्टी तो दिखाई पड़ती है लेकिन, सुकून के पल नज़र नहीं आते||
अच्छाई और बुराई दोनों हमारे अंदर हैं
जिसका अधिक प्रयोग करोगे वो उभरती व निखरती जायगी
यकीन और दुआ नज़र नहीं आते मगर,
नामुमकिन को मुमकिन बना देते हैं।
कौन कहता है माँ का कलेजा दुनिया में सबसे नरम है,मैंने बेटियों की विदाई में अक्सर पिता को टूटते देखा है।
किस एक विचार को अपने जीवन का लक्ष्य बनाओ,
कुविचारों का त्याग कर केवल उसी विचार बारे में सोचो,
तुम पाओगे कि सफलता तुम्हारे कदम चूम रही है।