मै खुद लिखता हूँ मोहब्बत
तुम आइने को संवार लो
मै अपनी खुशबु बिखेर देता हूँ
तुम अपनी जुल्फों को सवार लो
बड़े प्यार से तराशा था उस संगेमरमर कोबड़ा नाज़ था उसे अपने आप पर.एक दरार क्या पड़ीकिसीने मुड़ कर देखना तक गंवारा न समझा.
अगर कभी थक जाओ तो हमसे कहना,
हम उठा लेंगे तुमको अपनी इन बाहों में,
आप एक बार प्यार करके तो देखो हमसे,
हम सारी खुशियां बिछा देंगे आपकी राहों में.
दूर हो जाने की तलब है तो शौक से जा…
बस याद रहे की मुड़ कर देखने की आदत इधर भी नही…
अगर तू Attitude दिखाएगा ना
तो मैं भी भाव नहीं दूँगी,
और अगर चान्स मारेगा ना तो
मैं ध्यान नहीं दूँगी!!