मुझे तलाश हैं एक रूह की, जो मुझे दिल से प्यार करे
वरना इंसान तो पेसो से भी मिल जाया करते हैं |
उनके दीदार के लिए दिल तड़पता है;उनके इंतज़ार में दिल तरसता है;क्या कहें इस कमबख्त दिल को अब;अपना होकर भी जो किसी और के लिए धड़कता है।
देखकर मेरी आँखें एक फकीर कहने लगा,
पलकें तुम्हारी नाज़ुक है,
खवाबों का वज़न कम कीजिये...!
जब रात को आपकी याद आती हैसितारों में आपकी तस्वीर नज़र आती हैखोजती है निग़ाहें उस चेहरे कोयाद में जिसकी सुबह हो जाती है !!!