मेरी यादों में तुम हो या मुझ में ही तुम हो,
मेरे ख़यालों में तुम हो या ख़याल ही तुम हो,
दिल मेरा धड़क के बार बार ये पूछे,
मेरी जान में तुम हो या मेरी जान ही तुम हो!!
लगता है, मेरा खुदा मेहरबान है मुझ पर,
मेरी दुनीयाँ में आपकी मौजूदगी, यूँ ही तो नहीं.!
“जीत की ख़ातिर बस जूनून चाहिए,
जिसमे उबाल हो ऐसां खून चाहिए,
ये आसमा भी आएगा जमी पर ,
बस इरादों में जीत की गूँज चाहिए……..!!!.
मुझको ढूंढ लेती है रोज़ एक नए बहाने से
तेरी याद वाक़िफ़ हो गयी है मेरे हर ठिकाने से