Yaad rahega ye dour- E hayaat humko
Ki tarse the zindgi me zindgi ke liye
अभी सूरज नहीं डूबा जरा सी शाम होने दो;मैं खुद लौट जाऊंगा मुझे नाकाम तो होने दो;मुझे बदनाम करने का बहाना ढूंढ़ता है जमाना;मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले मेरा नाम तो होने दो।
कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी,
कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी,
बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने,
आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी
प्यार किया था तो प्यार का अंजाम कहाँ मालूम था,
वफ़ा के बदले मिलेगी बेवफाई कहाँ मालूम था,
सोचा था तैर के पार कर लेंगे प्यार के दरिया को,
पर बीच दरिया मिल जायेगा भंवर कहाँ मालूम था..